भारतीय संविधान और राजव्यवस्था के पिछले लेखों में हमने भारतीय संविधान के भाग 3 में प्रदत्त मौलिक अधिकारों में से अनुच्छेद 12 व 13 तथा समानता का अधिकार (अनुच्छेद 14 से 18) के बारे में विस्तारपूर्वक जाना था। इस क्रम को आगे बढ़ाते हुए इस लेख में हम दूसरे Maulik Adhikar अर्थात अनुच्छेद 19 (Swatantrata Ka Adhikar) के बारे में जानेंगे।
भारत के संविधान में प्रदत्त मौलिक अधिकार UPSC और PCS परीक्षाओं की दृष्टि से एक बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है। इसलिए हमने इस लेख में न केवल Anuchchhed 19 Kya Hai? (Articel 19 in Hindi) ये बताया है बल्कि इससे सम्बंधित महत्वपूर्ण मामलों और उनमें न्यायालय द्वारा दिए गए निर्णयों को भी शामिल किया है।
Table of Content
- अनुच्छेद 19 क्या है? - Article 19 in Hindi
- अनुच्छेद 19 (1) में प्रदत्त स्वतंत्रताओं पर सीमाएँ
- अनुच्छेद 19 से सम्बंधित मुद्दे/केस
- 1. Indian Express Newspaper केस, 1985
- 2. गुलाम नबी आजाद केस, 2020
- अनुच्छेद 19 से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
अनुच्छेद 19 क्या है? - Article 19 in Hindi
अनुच्छेद 19 भारतीय संविधान के सबसे महत्वपूर्ण अनुच्छेदों में से एक है। मूल संविधान में अनुच्छेद 19 में 7 स्वतंत्रताओं का वर्णन था किंतु अब 6 स्वतंत्रताएँ है क्योंकि 'संपत्ति की स्वतंत्रता' जो अनुच्छेद 19 (1) (f) में थी उसे 44वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1978 द्वारा हटा दिया गया था। वर्तमान में अनुच्छेद 19 के अंतर्गत 6 खंड (Clause) है और इनमें से 19 (1) में छह उपखंड (Subclause) है।
अनुच्छेद 19 (1) के विभिन्न उपखंडों में 6 प्रकार की स्वतंत्रताएँ घोषित की गई है जबकि 19 (2) से 19 (2) तक वे 'युक्तियुक्त निर्बंधन' (Reasonable Restrictions) दिए गए हैं जिनके आधार पर राज्य अनुच्छेद 19 (1) के अंतर्गत दी गई स्वतंत्रताओं पर रोक लगा सकता है।
सम्बंधित लेख:
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अनुच्छेद 19 (1) में दी गई 6 स्वतंत्रताएँ निम्नलिखित हैं -
- अनुच्छेद 19 (1) (a) - विचार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता
- अनुच्छेद 19 (1) (b) - शांतिपूर्ण और शस्त्ररहित सम्मेलन की स्वतंत्रता
- अनुच्छेद 19 (1) (c) - संगठन बनाने और सहकारी संस्था बनाने की स्वतंत्रता
- अनुच्छेद 19 (1) (d) - भारत में कहीं भी आवागमन की स्वतंत्रता
- अनुच्छेद 19 (1) (e) - भारत में कहीं भी निवास करने और बस जाने की स्वतंत्रता
- अनुच्छेद 19 (1) (g) - कोई भी पेशा या व्यवसाय अपनाने की स्वतंत्रता
- 'सहकारी संस्था' बनाने का अधिकार मूल संविधान में नहीं था, इसे 97th संविधान संशोधन अधिनियम, 2011 द्वारा जोड़ा गया था।
सहकारी संस्था क्या होती है? - What is Co-Operative Society?
जब नागरिकों का कोई समूह आपस में सहयोग करके अपने आर्थिक हितों को आगे बढ़ाने के लिए संस्था का निर्माण करता है तो ऐसी संस्था को 'सहकारी संस्था' (Co-Operative Society) कहते है। यथा - अमूल
अनुच्छेद 19 (1) में प्रदत्त स्वतंत्रताओं पर सीमाएँ
अनुच्छेद 19 (1) में बताई गई कोई भी स्वतंत्रता असीमित नहीं है और संविधान प्रत्येक स्वतंत्रता पर युक्तियुक्त निर्बंधन/सीमाएँ लगाता है, जो निम्नलिखित है -
1. अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सीमाएँ
(i) भारत की संप्रभुता एवं अखंडता
इसका अर्थ है ऐसी सभी अभिव्यक्तियों पर रोक है जो भारत के राज्य क्षेत्र के भीतर भारत राज्य की सर्वोच्चता को चुनौती दें या भारत के किसी क्षेत्र को संघ से पृथक होने के लिए उकसाएँ।
(ii) राज्य की सुरक्षा
इसका अर्थ है ऐसी सभी अभिव्यक्तियों पर रोक है जो राज्य के विरुद्ध युद्ध, आंतरिक अशांति, हिंसात्मक अपराधों को भड़काती है।
(iii) लोक व्यवस्था
इसका तात्पर्य है यदि को व्यक्ति अपनी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का प्रयोग समाज में अव्यवस्था फ़ैलाने के लिए करता है तो राज्य उसकी इस अभिव्यक्ति को प्रतिबंधित कर सकता है।
(iv) विदेशी राज्यों के साथ मित्रतापूर्ण सम्बन्ध
इस प्रावधान का उद्देश्य यह है की कोई व्यक्ति किसी देश के संबंध में कोई ऐसी झूठी अफवाहें न फैला सके जो उस देश के साथ हमारे संबंधों को हानि पहुँचा सकती हो।
(v) सदाचार/नैतिकता
इसका उद्देश्य अश्लील (Obscence or indecent) प्रकृति की अभिव्यक्तियों पर रोक लगाना है।
(vi) न्यायालय की अवमानना
इसके अंतर्गत सिविल और आपराधिक दोनों प्रकार की अवमानना शामिल की गई है।
(vii) मानहानि
इसका अर्थ है की यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति के सम्मान को ठेस पहुंचाने वाली अभिव्यक्ति करता है तो उसकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है।
(viii) अपराध उद्दीपन
यदि कोई व्यक्ति अपनी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता द्वारा किसी व्यक्ति को अपराध के लिए उकसाता या प्रेरित करता है तो उसकी इस अभिव्यक्ति को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के दायरे से बाहर माना जायेगा।
2. सम्मेलन बनाने पर 2 सीमाएँ है -
- भारत की संप्रभुता एवं अखंडता
- लोक व्यवस्था
3. संगठन बनाने पर 3 सीमाएँ है -
- भारत की संप्रभुता एवं अखंडता
- लोक व्यवस्था
- सदाचार/नैतिकता
4. अनुच्छेद 19 (1) (d) व अनुच्छेद 19 (1) (e) दोनों पर 2 सीमाएँ है -
- जनहित/सार्वजनिक हित
- अनुसूचित जनजति का हित
5. पेशा व व्यवसाय की स्वतंत्रता पर सीमाएँ
- राज्य किसी पेशे के लिए अहर्ताएं (Qualifications) निर्धारित कर सकता है।
- किसी व्यवसाय में राज्य के पक्ष में एकाधिकार का सर्जन किया जा सकता है।
अनुच्छेद 19 से सम्बंधित मुद्दे/केस
1. Indian Express Newspaper केस, 1985
Indian Express Newspaper केस में सर्वोच्च न्यायालय ने विचार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अंतर्गत प्रेस की स्वतंत्रता को एक मौलिक अधिकार घोषित किया।
न्यायालय के अनुसार अभिव्यक्ति के अनेक रूप हो सकते है जैसे लिखित, मौखिक और हाव-भाव के द्वारा अभिव्यक्ति। इन सभी रूपों में अभिव्यक्ति को प्रभावशाली बनाने के लिए प्रेस का होना जरूरी है। अतः अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अंतर्गत प्रेस की स्वतंत्रता भी शामिल है और प्रेस की स्वतंत्रता एक Maulik Adhikar है।
यहाँ ध्यान रखने योग्य है की प्रेस की स्वतंत्रता भी असीमित नहीं है। इस पर भी वे सभी 8 सीमाएँ लागू होती है जो विचार और अभिव्यक्ति की सीमा पर लगती है।
2. गुलाम नबी आजाद केस, 2020
गुलाम नबी आजाद केस में सर्वोच्च न्यायालय ने इंटरनेट को एक मौलिक अधिकार घोषित किया है।
जम्मू व कश्मीर के विशेष दर्जे को अनुच्छेद 370 में संशोधन के द्वारा जब समाप्त किया गया तो उसकी पृष्ठभूमि में अशांति और उपद्रव को रोकने के लिए जम्मू व कश्मीर में लंबे समय तक इंटरनेट पर रोक लगा दी गई।
Indian Express Newspaper केस में प्रेस की स्वतंत्रता को सर्वोच्च न्यायालय ने एक मौलिक अधिकार घोषित कर दिया था। सर्वोच्च न्यायालय का यह निर्णय (गुलाम नबी आजाद केस का) उसी निर्णय का विस्तार है।
Internet को मौलिक अधिकार घोषित करने के पीछे सर्वोच्च न्यायालय के तर्क
- अनुच्छेद 19 (1) (a) के तहत प्रदत्त अभिव्यक्ति को प्रभावशाली बनाने के लिए इंटरनेट जरूरी है।
- अनुच्छेद 19 (1) (g) के तहत व्यवसाय की स्वतंत्रता के लिए भी इंटरनेट जरूरी है।
- न्यायालय ने स्वीकार किया की सूचना क्रांति के वर्तमान दौर में इंटरनेट आवश्यक सेवाएँ उपलब्ध कराने का एक साधन है।
- सूचना क्रांति के वर्तमान दौर में इंटरनेट सूचना प्राप्ति का एक प्रमुख साधन है और अभिव्यक्ति को प्रभावशाली बनाने के लिए सूचनाएँ जरूरी है।
अनुच्छेद 19 से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
- नवीन जिंदल केस, 2004 में सर्वोच्च न्यायालय ने यह निर्धारित किया की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता [अनुच्छेद 19 (1) (a)] के अंतर्गत राष्ट्रीय ध्वज फहराना भी एक मौलिक अधिकार है।
- इमैनुअल केस, 1986 में सर्वोच्च न्यायालय ने यह निर्धारित किया की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अंतर्गत "मौन रहने का अधिकार" भी एक मौलिक अधिकार है।
Fundamental Rights:
- अनुच्छेद 29 व 30 (सांस्कृतिक और शैक्षिक अधिकार)
- अनुच्छेद 25 तथा इससे सम्बंधित मुद्दे (धर्मांतरण, संथारा आदि)
- अनुच्छेद 23 और 24 (शोषण के विरुद्ध अधिकार)
- भारतीय संविधान का 'अनुच्छेद 22' क्या है?
- Article 21A (शिक्षा का अधिकार)
- भारतीय संविधान का 'अनुच्छेद 21'
- अनुच्छेद 20 क्या है?
- समानता का अधिकार (अनुच्छेद 14 से 18)
भारतीय संविधान और राजव्यवस्था के अन्य लेख:
- उद्देश्य प्रस्ताव/संकल्प (Objective Resolution) क्या था?
- भारतीय संविधान के विभिन्न भाग तथा विषय
- भारत के संविधान की अनुसूचियाँ
- भारतीय संविधान में भाग, अध्याय, अनुच्छेद, खंड, उपखण्ड और अनुसूची क्या हैं?
- भारत के संविधान में साधारण बहुमत, प्रभावी बहुमत और विशेष बहुमत क्या हैं?
- भारतीय राजव्यवस्था और संविधान में अंतर
- Right To Information Act (RTI), 2005 क्या है?