इस लेख में हम पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा संविधान सभा में लाए गए 'उद्देश्य प्रस्ताव/संकल्प (Objective Resolution in Hindi?) के बारे में चर्चा करेंगे और जानेंगे की आखिर ये उद्देश्य प्रस्ताव था क्या और इसमें किन-किन बातों का जिक्र किया गया था।
उद्देश्य प्रस्ताव - What is Objective Resolution in Hindi?
उद्देश्य प्रस्ताव उन भावनाओं व इच्छाओं का सूचक था, जिनकी उपलब्धि के लिए भारतवासी पिछले कई वर्षों से संघर्ष कर रहे थे। यही उद्देश्य प्रस्ताव संविधान की 'प्रस्तावना' (Preamble) का आधार बना और इसी ने संपूर्ण संविधान के 'दर्शन' को मूर्त रूप प्रदान किया।
संविधान सभा की पहली बैठक 9 दिसंबर, 1946 को हुई थी। इस बैठक का मुस्लिम लीग द्वारा बहिष्कार किया गया और अलग पाकिस्तान बनाने की मांग उठाई। डॉ. सच्चिदानंद सिन्हा जो की सभा के सबसे वरिष्ठ सदस्य थे को सभा का अस्थायी अध्यक्ष बनाया गया। 13 दिसंबर, 1946 को पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 'उद्देश्य प्रस्ताव' (Objective Resolution) सभा में पेश किया, जिसे 22 जनवरी, 1947 को संविधान सभा द्वारा स्वीकृत किया गया। संक्षेप में इस उद्देश्य प्रस्ताव की मुख्य बातें निम्नलिखित थी -
- भारत को एक 'स्वतंत्र तथा संप्रभु गणराज्य' (Independent and Soveregin Republic) के रूप में स्थापित किया जाए।
- भारत की संप्रभुता का स्रोत भारत की जनता होगी।
- इस गणराज्य में भारत के समस्त नागरिकों को राजनीतिक, आर्थिक तथा सामाजिक समानता प्राप्त होगी।
- भारत के समस्त नागरिकों को विचार व अभिव्यक्ति, संस्था बनाने, कोई व्यवसाय करने, किसी भी धर्म तथा मत को मानने या न मानने की स्वतंत्रता होगी।
- अल्पसंख्यकों, अनुसूचित जातियों तथा पिछड़े वर्गों के हित की सुरक्षा के लिए उपयुक्त रक्षोपाय किये जाएंगे।
- देश की एकता को स्थायित्व प्रदान किया जायेगा।
- भारत की प्राचीन सभ्यता को उसका उचित स्थान व अधिकार दिलाया जाएगा तथा विश्व शांति व मानव-कल्याण में उसका योगदान सुनिश्चित किया जाएगा।
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