नेट न्यूट्रैलिटी 2.0
हाल ही में, TRAI (Telecom Regulatory Authority of India) ने 'OTT (Over The Top) संचार सेवाओं के लिए विनियामक तंत्र और OTT सेवाओं पर चयनात्मक प्रतिबंध' विषय पर एक परामर्श-पत्र जारी किया है। इसके चलते फिर से Net Neutrality को लेकर बहस छिड़ गई है।
- TRAI के इस परामर्श-पत्र में यह तर्क दिया गया है की "संचार सेवाएं" प्रदान करने वाले OTT प्लेटफॉर्म्स को दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (Television Service Providers-TSPs) के साथ 'राजस्व साझा करना' चाहिए। हालांकि, TRAI का यह तर्क Net Neutrality के सिद्धांतो के खिलाफ जा सकता है।
- गौरतलब है की कुछ OTT प्लेटफॉर्म्स इंटरनेट सेवाओं के जरिए Voice Calling और SMS जैसी संचार सेवाएं प्रदान कर रहे है। इन OTT प्लेटफॉर्म्स में WhatsApp, Telegram, Skype आदि शामिल हैं।
Net Neutrality क्या होता है? - What is Net Neutrality in Hindi
Net Neutrality इस सिद्धांत पर आधारित है की सर्वाधिक इस्तेमाल होने वाले Public Information Network द्वारा सभी तरह के Content, Sites और Platforms के साथ समान व्यवहार किया जाना चाहिए। इसके तहत Service, Application, Sender या Receiver के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए।
भारत में Net Neutrality संबंधी फ्रेमवर्क - Net Neutrality Framework in India
2018 में, दूरसंचार विभाग (Department of Telecommunications - DoT) ने Net Neutrality पर विनियामकीय फ्रेमवर्क जारी किया था। इसमें इंटरनेट सेवा प्रदाताओं के द्वारा Content के साथ गैर-भेदभावपूर्ण व्यवहार करने से सम्बंधित सिद्धांतों को शामिल किया गया है।
Net Neutrality क्यों अनिवार्य है? - Why Net Neutrality is Important?
1. उपयोगकर्ता का अधिकार
2. पारदर्शिता
3. निजता
4. नवाचार और उधमिता
OTT सेवाओं को विनियमित करने की आवश्यकता क्यों है?
1. TSP को हो रही राजस्व हानि के चलते
OTT संचार सेवाओं के चलते 'फाइबर आधारित अवसंरचना' और 'नई एवं बेहतर प्रौद्योगिकियों' में TSPs द्वारा किए गए निवेश पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।
2. समान अवसर के अभाव के चलते
TSPs को ऐसी समान सेवाएं प्रदान करने के लिए अधिक लागत का वहन करना पड़ता है। साथ ही, उन्हें कई प्रकार के विनियामकीय मानदंडों का भी पालन करना पड़ता है।
3. कानून प्रवर्तन और KYC से जुड़े मुद्दों के चलते
4. जरुरत पड़ने पर OTT Apps पर चयनात्मक प्रतिबंध लगाने के लिए
किसी भी अशांत क्षेत्र में पूर्ण इंटरनेट शटडाउन से शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी महत्वपूर्ण सेवाओं में व्यवधान पैदा हो जाता है। इसलिए अशांत क्षेत्रों में चुनिंदा OTT Apps पर प्रतिबंध लगाना एक बेहतर विकल्प है।