नदी डॉल्फिन के लिए वैश्विक घोषणा-पत्र
- हाल ही में "नदी डॉल्फिन के लिए वैश्विक घोषणा-पत्र" पर 11 देशों ने हस्ताक्षर किये है।
- इस घोषणा-पत्र को उन 11 देशों ने अपनाया है जहां नदी डॉलफिन (River Dolphin) पाई जाती है। ये देश हैं -
- बांग्लादेश
- बोलीविया
- ब्राजील
- कंबोडिया
- कोलंबिया
- इक्वाडोर
- भारत
- नेपाल
- पाकिस्तान
- पेरू
- वेनेजुएला
- नदी डॉलफिन दुनिया की कुछ सबसे बड़ी नदी प्रणालियों में शीर्ष शिकारी हैं। ये नदी के स्वास्थ्य की महत्वपूर्ण संकेतक भी हैं।
- 1980 के दशक के बाद से इनकी आबादी में 73% की कमी आई है।
नदी डॉल्फिन के लिए वैश्विक घोषणा-पत्र के उद्देश्य
- एशिया और दक्षिण अमेरिका में नदी डॉलफिन की सभी प्रजातियों की आबादी में होने वाली गिरावट को रोकना तथा इनकी संख्या को बढ़ाना।
- वर्तमान में मौजूद नदी डॉलफिन के संरक्षण हेतु वित्त-पोषण एवं अन्य उपायों को तैयार करके निम्नलिखित सामूहिक प्रयासों को बढ़ावा देना -
- गिलनेट (मछली पकड़ने का एक तरीका) के उपयोग को बंद करना
- नदियों में प्रदूषण को कम करना
- अनुसंधान को व्यापक बनाना
- संरक्षित क्षेत्रों में वृद्धि करना
- नदियों के स्वास्थ्य में सुधार के लिए प्रयास करना।
- विश्व के कई समुदायों और कई अर्थव्यवस्थाओं के लिए नदीयां जीवनधारा के रूप में कार्य करती हैं। यहीं नहीं, नदियां वर्षावन से लेकर डेल्टाई क्षेत्रों जैसे अति-महत्वपूर्ण पारिस्थितिकी-तंत्र का आधार भी हैं।
नदी डॉल्फिन के लिए वैश्विक घोषणा-पत्र के मुख्य स्तंभ
- संरक्षित क्षेत्रों का एक नेटवर्क बनाना।
- नदी डॉलफिन पर्यावास स्थलों के प्रबंधन को बढ़ाना।
- अनुसंधान और निगरानी के क्षेत्र का विस्तार करना।
- स्थानीय समुदायों और देशज लोगों को नदी डॉलफिन के संरक्षण प्रयासों में शामिल करना।
- मत्स्यन की असंधारणीय पद्धतियों का उपयोग करना।
- नदियों के जल की गुणवत्ता और मात्रा को बढ़ाना।
- जागरूकता बढ़ाने के लिए विश्व नदी डॉलफिन दिवस मनना।
- संसाधन आवंटन और भागीदारी में बढ़ोतरी करना।
नदी डॉलफिन की वर्तमान जीवित प्रजातियां
1. गंगा नदी डॉलफिन
यह प्रजाति मुख्य रूप से भारत और बांग्लादेश में गंगा एवं ब्रह्मपुत्र नदी प्रणालियों में पाई जाती है। इस प्रजाति को "सूंस या सुसु" भी कहा जाता है। International Union for Conservation of Nature (IUCN) ने इसे "संकटग्रस्त प्रजाति" की श्रेणी में रखा है।
2. अमेजन नदी डॉलफिन
यह प्रजाति केवल ताजा जल में पाई जाती है। इसे "पिक रिवर डॉलफिन" या "बोटो" भी कहा जाता है। IUCN ने इसे "संकटग्रस्त प्रजाति" की श्रेणी में रखा है।
3. सिंधु नदी डॉलफिन
यह पाकिस्तान में और व्यास नदी में पाई जाती है। व्यास नदी पंजाब में सिंधु की एक सहायक नदी है। इस डॉलफिन को "भूलन" भी कहा जाता है। IUCN ने इसे "संकटग्रस्त प्रजाति" की श्रेणी में रखा है।
4. इरावदी नदी डॉलफिन
यह दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया के तटीय क्षेत्रों तथा तीन नदियों {इरावदी या अय्यारवाडी (म्यांमार), महाकम (इंडोनेशियाई बोर्नियो) और मेकांग} में पाई जाती हैं।
5. तुकुजी डॉलफिन (Tucuxi Dolphin)
तुकुजी डॉलफिन ताजे जल की नदी डॉलफिन है जो ब्राजील, कोलंबिया, इक्वाडोर और पेरू में अमेजन नदी प्रणाली में पाई जाती है। IUCN ने इसे भी "संकटग्रस्त प्रजाति" की श्रेणी में रखा है।
6. यांगत्सी फिनलेस पोरपोइज
यह दुनिया में ताजे जल की एकमात्र पोरपोइज है। यह केवल यांगत्सी नदी (एशिया की सबसे लम्बी नदी) में पाई जाती है। IUCN ने इसे "अतिसंकटग्रस्त प्रजाति" की श्रेणी में रखा है।
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