नारी शक्ति वंदन अधिनियम - Women Reservation Bill in Hindi
- हाल ही में 5 दिवसीय विशेष सत्र में. दोनों सदनों ने नारी शक्ति वंदन अधिनियम को लगभग सर्वसम्मति से पारित कर दिया। इस विधेयक का लक्ष्य लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में एक-तिहाई आरक्षण प्रदान करना है।
- पहली बार विधान-मंडलों में महिला आरक्षण के लिए 1996 में 81वां संविधान संशोधन विधेयक पेश किया गया था।
- इससे पहले 2010 में राज्यसभा में इसी तरह का एक विधेयक पारित हुआ था, लेकिन वह कानून नहीं बन पाया था।
विधायिकाओं में महिला आरक्षण की आवश्यकता क्यों हैं?
विधायिकाओं में महिला आरक्षण की आवश्यकता निम्नलिखित कारणों से है -
- संसद में महिला सांसदों की संख्या काफी कम (15% से भी कम) है।
- राज्य विधानसभाओं में महिला विधायकों का औसत लगभग 8% है।
- मिजोरम और नागालैंड जैसे राज्यों में कोई महिला विधायक नहीं है।
- इससे महिला सशक्तिकरण एवं महिला के नेतृत्व में विकास संभव होगा, जिससे 'नारी शक्ति' को और बढ़ावा मिलेगा।
विधेयक के मुख्य बिंदु
इसके द्वारा निम्नलिखित में महिलाओं के लिए 1/3 सीटें आरक्षित होगी -
- लोकसभा (अनुच्छेद 330A जोड़ा जाएगा)
- राज्य विधानसभाएं (अनुच्छेद 332A जोड़ा जाएगा)
- दिल्ली विधानसभा (अनुच्छेद 239AA में संशोधन किया जाएगा)
- यह आरक्षण क्षैतिज प्रकृति का होगा अर्थात यह विधायिकाओं में अनारक्षित और आरक्षित (SCs और STs के लिए), दोनों तरह की सीटों पर लागू होगा।
आरक्षण की अवधि
संशोधन अधिनियम के लागू होने से 15 वर्षों तक यह आरक्षण जारी रहेगा, किंतु संसद इसे आगे बढ़ा सकती है।
सीटों का रोटेशन
आरक्षित सीटों का रोटेशन प्रत्येक आगामी परिसीमन के बाद किया जाएगा।
संविधान में संशोधन की प्रक्रिया
- इस विधेयक को विशेष बहुमत की निम्नलिखित प्रक्रिया से संसद के प्रत्येक सदन से अलग-अलग पारित होना अनिवार्य है -
"उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों का 2/3 बहुमत जो कुल सदस्य संख्या के आधे से कम न हो।"
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- साथ ही, इसे साधारण बहुमत से कम-से-कम आधे राज्यों के विधानमंडलों से पारित होना भी अनिवार्य होगा।
प्रभावी होने की अवधि
- विधेयक के जरिए संविधान में एक नया अनुच्छेद 334A जोड़ा जाएगा। नए अनुच्छेद 334A के अनुसार, इस विधेयक को पारित होने के बाद पहली जनगणना के आँकड़े प्रकाशित होने और परिसीमन का कार्य पूर्ण होने पर ही महिला आरक्षण के प्रावधान लागू होंगे।
- मौजूदा स्थिति यह है की 2021 में होने वाली जनगणना अभी तक पूरी नहीं हुई है।