इस लेख में हम पंथनिरपेक्षता और धर्मनिरपेक्षता (Secularism in Hindi) के बारे में चर्चा करेंगे और साथ ही जानेंगे की क्या भारत एक पंथनिरपेक्ष राज्य है या धर्मनिरपेक्ष?
पंथनिरपेक्षता क्या है? - Secularism in Hindi
पंथ का अर्थ होता है 'रास्ता' अर्थात ईश्वर (पारलौकिक) तक ले जाने वाला रास्ता।
इस प्रकार पंथनिरपेक्षता का अर्थ है - सभी धर्मों (Religions) और उनकी मान्यताओं से तटस्थ होना/धर्म से तटस्थता।
पंथनिरपेक्ष राज्य का क्या अर्थ होता है? - What is Secular State in Hindi
पंथनिरपेक्ष राज्य (Secular State) से तात्पर्य एक ऐसे देश से है जहाँ -
- राज्य का कोई राजकीय धर्म न हो।
- राज्य अपने नागरिकों के बीच धर्म के आधार पर भेदभाव न करता हो।
- सभी धर्मों के अनुयायियों को समान रूप से धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार प्राप्त हो।
धर्मनिरपेक्षता क्या है? - Secularism in Hindi
धर्मनिरपेक्षता (Secularism) की अवधारणा का विकास सर्वप्रथम यूरोप में हुआ था। पश्चिम में धर्मनिरपेक्षता का अर्थ होता है - धर्म (Religion) से तटस्थता
Religion शब्द लैटिन भाषा के Religiare से बना है जिसका शाब्दिक अर्थ होता है - 'जोड़ना'
अर्थात ईश्वर और मनुष्य को जोड़ने वाला मार्ग या विधि।
1. पश्चिमी देशों में धर्म की अवधारणा
'धर्म' जिसे अंग्रेजी में Religion कहा जाता है, इसका अर्थ होता है - 'जोड़ना'
अर्थात एक ऐसा मार्ग जो ईश्वर (पारलौकिक) और मनुष्य (इहलौकिक) को जोड़ने का कार्य करता है। दूसरे शब्दों में कहें तो पारलौकिक विश्वास/ईश्वर को प्राप्त करने के लिए जो practises की जाती है, उसे ही पश्चिमी देशों में धर्म कहा जाता है।
2. भारत में धर्म की अवधारणा
धर्म शब्द संस्कृत के "धृ" धातु से बना है, इसका अर्थ होता है - 'धारण करना/अपनाना'
अर्थात जो धारण करने योग्य है, वह धर्म है (धारयते इति धर्मः)
भारत में 'धर्म' शब्द के विविध अर्थ है और अलग-अलग संदर्भों में इसका अलग-अलग इस्तेमाल किया जाता है जैसे की -
- स्वभाव
- कर्तव्य
- मजहब/पंथ/संप्रदाय
- साधन पद्धति
किन्तु इनमें से सबसे ज्यादा धर्म शब्द का इस्तेमाल 'कर्तव्य' के सन्दर्भ में किया जाता रहा है। इस प्रकार धर्मनिरपेक्षता शब्द का भारत के संदर्भ में अर्थ होगा - "कर्तव्य से तटस्थ होना"
भारत एक पंथनिरपेक्ष देश है या धर्मनिरपेक्ष?
हमने अभी धर्मनिरपेक्षता की पश्चिमी और भारत की अवधारणा के बारे में जाना है। इससे हमें यह पता चला की पश्चिम में धर्म (Religion) शब्द का इस्तेमाल अलग सन्दर्भ में किया जाता है और भारत में अलग। इस प्रकार हम पाते है की भारत के सन्दर्भ में धर्मनिरपेक्ष शब्द उचित नहीं है क्योंकि इसका अर्थ होता है 'कर्तव्य से तटस्थ होना' इसलिए भारत के सन्दर्भ में पंथनिरपेक्ष (सभी धर्मों और उनकी मान्यताओं से तटस्थ होना) शब्द का इस्तेमाल किया जाता है।
हालांकि संविधान में धर्म व पंथ को समान ही माना है और धर्म शब्द का पंथ के रूप में ही इस्तेमाल किया जाता है।
[भारत के मूल संविधान में 'पंथनिरपेक्ष' शब्द नहीं था, इसे 42वें संविधान संशोधन, 1976 द्वारा जोड़ा गया था।]
अन्य महत्वपूर्ण लेख:
- भारत के संविधान की प्रस्तावना/उद्देशिका
- भारतीय संविधान में भाग, अध्याय, अनुच्छेद, खंड, उपखण्ड और अनुसूची क्या हैं? भारतीय संविधान की अनुसूचियाँ
- भारतीय समाजवाद क्या है?
- भारत के संविधान के अनुच्छेद 12 व 13 तथा इनसे सम्बंधित मामले
- समानता का अधिकार (अनुच्छेद 14 से 18) क्या है?
- एक राष्ट्र, एक चुनाव क्या है?