चेन्नई से व्लादिवोस्तोक पूर्वी समुद्री गलियारा - Eastern Maritime Corridor (EMC) in Hindi
हाल ही में पूर्वी समुद्री गलियारे [Eastern Maritime Corridor - EMC] पर रूस के व्लादिवोस्तोक में भारत-रूसी कार्यशाला का आयोजन हुआ। भारत के केंद्रीय मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने रूसी बंदरगाह शहर व्लादिवोस्तोक और भारतीय बंदरगाह शहर चेन्नई के बीच वैकल्पिक व्यापार मार्ग के रूप में 'EMC' के शीघ्र संचालन की संभावनाओं की तलाश करने के उद्देश्य से सत्र को संबोधित किया। एक अन्य कार्यशाला का आयोजन 30 अक्टूबर से 1 नवंबर, 2023 तक चेन्नई में होना प्रस्तावित है।
- सितंबर 2019 में व्लादिवोस्तोक में पूर्वी आर्थिक मंच के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति पुतिन की उपस्थिति में व्लादिवोस्तोक और चेन्नई के दो बंदरगाहों के बीच समुद्री संचार के विकास पर एक आशय पत्र का आदान-प्रदान किया गया था।
- भारत-रूसी कार्यशाला रूसी सुदूर-पूर्व और भारत पत्तन अधिकारियों, रूसी रेलवे के प्रतिनिधियों, दोनों देशों की लॉजिस्टिक्स/पोत परिवहन कंपनियों के बीच एक साझा बैठक का मंच प्रदान करेगी।
- पूर्वी समुद्री गलियारे के संचालन से भारत और रूस के बीच व्यापार संबंधों के एक नए युग की शुरुआत होगी।
- दोनों देशों के बीच व्यापार के लिए कोकिंग कोयला सबसे उपयुक्त वस्तु है। आने वाले समय में, EMC के माध्यम से परिवहन की जाने वाली वस्तुओं की सूची में तेल, LNG, उर्वरक जैसी अन्य वस्तुओं को जोड़ा जाएगा।
- पूर्वी समुद्री गलियारा सुदूर-पूर्व क्षेत्र के रूसी बंदरगाहों और भारतीय बंदरगाहों के बीच माल परिवहन की यात्रा-अवधि को 16 दिन तक कम कर देगा (लगने वाले 40 दिनों की तुलना में 24 दिन)।
- चेन्नई-व्लादिवोस्तोक समुद्री मार्ग लगभग 5600 समुद्री मील की दूरी तय करेगा। एक बड़ा कंटेनर जहाज जो 37-46 किमी/घंटा की सामान्य क्रूजिंग गति से यात्रा करता है, इस दूरी को लगभग 10 से 12 दिनों में तय करने में सक्षम होगा।