आदित्य-L1 सौर मिशन - Aditya L1 Mission
- आदित्य-L1 सूर्य का अध्ययन करने के लिए अंतरिक्ष में स्थापित वेधशाला श्रेणी का पहला भारतीय सौर मिशन है। इसे ISRO ने PSLV-C57 से 2 सितंबर 2023 को लॉन्च किया है।
- आदित्य-L1 अपनी चार महीने की यात्रा के बाद सूर्य एवं पृथ्वी की गुरत्वाकर्षण प्रणाली के लैग्रेंजियन पॉइंट (Lagrange point) [L1] के चारों ओर 'प्रभामंडल कक्षा (Halo Orbit)' में स्थापित हो जाएगा।
- आदित्य-L1 विद्युत चुंबकीय और पार्टिकल डिटेक्टर्स की सहायता से सूर्य के फोटोस्फीयर, क्रोमोस्फीयर और सबसे बाहरी परत (corona) का अवलोकन करेगा। इसके लिए यह अपने साथ 7 पेलोड्स ले गया है।
लैग्रेंजियन पॉइंट क्या है? - What is lagrange Point in Hindi?
- लैग्रेंज पॉइन्ट अंतरिक्ष में स्थित बिंदु होते हैं जहां पर स्थापित उपग्रह अपने नियत बिंदु पर बने रहते हैं।
- Lagrange points पर दो विशाल द्रव्यमान वाले पिंडों का गुरुत्वाकर्षण खिंचाव और किसी छोटे पिंड को उनके साथ घूमने के लिए आवश्यक अभिकेंद्रीय बल, दोनों बराबर होते हैं।
- Lagrange points का यह नाम इटली में जन्मे फ्रांसीसी गणितज्ञ जोसेफ-लुई लैग्रेंज के सम्मान में रखा गया है।
- 5 Lagrange points में से तीन (L1, L2, L3) अस्थिर है और दो (L4, L5) स्थिर हैं।
- पृथ्वी से L1 की दूरी पृथ्वी और सूर्य के मध्य की दूरी का लगभग 1% है।
- Solar and Heliospheric Observatory Satellite (SOHO) मिशन को L1 पॉइंट पर स्थापित किया गया है। यह NASA और यूरोपियन स्पेस एजेंसी का संयुक्त मिशन है। NASA के James Webb Space Telescope को L2 पॉइंट पर स्थापित किया गया है।
L1 point पर उपग्रह स्थापित करने के लाभ
- यहां से बिना किसी ग्रहण की परिघटना के सूर्य का लगातार अवलोकन संभव है।
- यहां पर स्थापित उपग्रह में ईंधन की खपत कम होती है।
आदित्य-L1 के उद्देश्य
- Coronal Mass Ejection (CME) की घटना, Solar Flare (SF) को समझना
- Coronal Heating और और पवनों के त्वरण को समझना
- पृथ्वी के निकट के अंतरिक्ष में CME और SF के प्रभावों को समझना
- अलग-अलग दिशाओं में तापमान संबंधी विविधता (Temperature Anisotropy) और सौर पवन के वितरण को समझना।
आदित्य-L1 मिशन की विशिष्टता
- यह पहली बार Near-UV Band में सूर्य के प्रकाशमय वलय (Solar Disc) का अवलोकन करेगा।
- यह On Board Intelligence की सहायता से CME और solar flares का पता लगाकर सटीक अवलोकन एवं डेटा प्रदान करेगा।
- यह बहु-दिशा आधारित Multi Direction अवलोकन की सहायता से सौर पवन की डायरेक्शनल और Energy Anisotropy का अध्ययन करेगा।
- यह CME की त्वरण प्रणाली (जिसका लगातार अवलोकन संभव नहीं है) के बारे में जानकारी प्रदान करेगा।
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