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Global Warming और ग्रीन हाउस प्रभाव क्या हैं? | Green House Effect In Hindi

पिछले लेख में हमने जलवायु परिवर्तन के बारे में जाना हैं। आज के इस लेख में हम Global Warming और Green House Prabhav (Green House Effect In Hindi) के बारे में चर्चा करेंगे। इस लेख को पढ़ने के बाद Green House Effect In Hindi और Global Warming In Hindi के बारे में आपको पूरी जानकारी हो जाएगी। 

Green House Effect In Hindi
Green House Effect In Hindi


वैश्विक तापन क्या हैं? - Global Warming In Hindi 

क्षोभमंडल में पृथ्वी की सतह के करीब के वातावरण के औसत तापमान में वृद्धि को भूमंडलीय तापन कहते हैं, जिसके कारण वैश्विक जलवायु प्रतिरूप में परिवर्तन आता है। सामान्यतः मानवीय क्रियाओं द्वारा उत्सर्जित हरितगृह गैसों में वृद्धि के परिणामस्वरूप उत्पन्न ताप वृद्धि को 'वैश्विक तापन' (Global Warming In Hindi) कहते हैं। 


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हरितगृह प्रभाव क्या हैं? - Green House Effect In Hindi

हरितगृह शीशे की दीवारों से बने एक भवन की भाँति होते हैं। ठंडी जलवायु वाले क्षेत्रों या ठंडे देशों में इन हरित गृहों में पौधों को उगाने का कार्य किया जाता है। बाहरी तापमान के निम्न रहने के बावजूद हरितगृहों के तापमान में वृद्धि होती रहती है। 

Greenhouse

पृथ्वी भी एक हरितगृह की तरह कार्य करती है। पृथ्वी की हरितगृह गैसें जो पृथ्वी के निचले वायुमंडल में पाई जाती है, पृथ्वी को एक कंबल के समान लपेटे रहती है एवं यह हरितगृह के शीशे की तरह कार्य करती है अर्थात वह सौर विकिरण की आने वाली लघु तरंगदैर्ध्यों को तो आने देती है परंतु पृथ्वी से लौटती दीर्घ तरंगदैर्ध्य विकिरण (पार्थिव विकिरण) को अवशोषित कर लेती है। 


Green House Effect


यह समायोजन ताप तरंगों को नियंत्रित रूप से पृथ्वी की सतह से अंतरिक्ष के बाह्य पटल में भेजती है। इससे पृथ्वी के ऊपर आवरण सा बन जाता है जिस कारण पृथ्वी गर्म एवं रहने योग्य रहती है। अतः एक प्राकृतिक ग्रीनहाउस पृथ्वी की सतह को गर्म रखता है तथा उसे एक निश्चित तापमान प्रदान करता है। हरित गृह प्रभाव पृथ्वी पर जीवन को संभव बनाता है। 


प्राकृतिक ग्रीन हाउस प्रभाव - Natural Green House Effect In Hindi

हरितगृह गैसें जो कि वातावरण में प्राकृतिक रूप से पाई जाती है,  प्राकृतिक ग्रीन हाउस प्रभाव हेतु जिम्मेदार होती है। इस प्रक्रिया के द्वारा पृथ्वी की सतह गर्म एवं रहने योग्य बनती है। प्राकृतिक ग्रीन हाउस प्रभाव पृथ्वी के सामान्य तापमान (15℃) को बनाए रखता है। ग्रीन हाउस गैसों की अनुपस्थिति में पृथ्वी का -18℃ तक गिर सकता है।


मानव जनित ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन प्राकृतिक संतुलन को बिगाड़ देता है एवं तापमान में वृद्धि करता है। वातावरण में ग्रीनहाउस गैसों की सांद्रता में बढ़ोतरी से अवरक्त विकिरण (Infrared Rays) ज्यादा अवशोषित होगी जिससे ग्रीन हाउस प्रभाव में बढ़ोतरी होगी। 

अवरक्त विकिरण (Infrared Rays), विद्युतचुंबकीय तरंगें होती हैं, जिनकी तरंगदैर्ध्य दृश्य प्रकाश की तुलना में अधिक होती हैं।
 

हरित गृह गैसें क्या हैं? - Green House Gases In Hindi

हरितगृह गैस का अर्थ वातावरण की उन गैसों से है जो प्राकृतिक एवं मानव जनित दोनों होती है। यह अवरक्त विकिरणों (Infrared Rays) को अवशोषित करती है एवं उन्हें पुनः छोड़ती है।

जलवाष्प तथा कार्बन डाइऑक्साइड वायुमंडल में पाई जाने वाली गैसों में प्रचुर मात्रा में पाई जाती है तथा किसी क्षेत्र में अवरक्त विकिरणों को ज्यादा से ज्यादा अवशोषित करती है। कुछ प्रमुख Greenhouse Gases निम्नलिखित हैं -

  1. जलवाष्प 
  2. कार्बन डाइऑक्साइड 
  3. मीथेन 
  4. नाइट्रस ऑक्साइड 
  5. फ्लूरिनेटेड गैसें 
  6. काला कार्बन 


Green House Gases In Hindi
Green House Gases In Hindi


1. जलवाष्प - Water Vapour 

जलवाष्प वायुमंडल में सबसे अधिक परिवर्तनशील तथा असमान वितरण वाला घटक हैं। इसकी मात्रा विभिन्न ऊँचाइयों पर भिन्न-भिन्न होती हैं। जलवाष्प सूर्यातप के कुछ भाग को ग्रहण कर धरातल पर सूर्यातप की मात्रा को कम करता हैं। यह पार्थिव विकिरण को अवशोषित कर कार्बन डाइऑक्साइड की तरह ग्रीनहाउस प्रभाव उत्पन्न करता हैं। 


2. कार्बन डाइऑक्साइड 

यह एक प्राथमिक ग्रीनहाउस गैस हैं जिसका वैश्विक तापन में 20% योगदान हैं। यह मानवीय क्रियाओं द्वारा उत्सर्जित होती हैं। वातावरणीय कार्बन डाइऑक्साइड में होने वाला परिवर्तन वातावरण के तापमान को परिवर्तित कर सकता हैं। 


3. मीथेन 

मीथेन वैश्विक तापन में 20% योगदान देती हैं। इसकी मात्रा वातावरण में कम हैं किन्तु ये पृथ्वी द्वारा उत्सर्जित पार्थिव विकिरण को अवशोषित करने में 20 से 30 गुना अधिक सक्षम हैं। मीठे पानी वाली आर्द्रभूमि, बाढ़ग्रस्त धन के खेत, कच्छ क्षेत्र, जीवों के अवशिष्ट तथा  खनन में मीथेन गैस का उत्सर्जन होता हैं। 


4. नाइट्रस ऑक्साइड 

यह गैस वैश्विक तापन में 6% योगदान देती हैं। यह नाइट्रोजन चक्र द्वारा वातावरण में बनी रहती हैं। नाइट्रस ऑक्साइड को 'लाफिंग गैस' (Laughing Gas) भी कहते हैं।  


5. फ्लूरिनेटेड गैसें 

फ्लूरिनेटेड गैसें सबसे प्रबल और दीर्घजीवी प्रकार की ग्रीनहाउस गैसें हैं, जो मानवीय क्रियाकलापों द्वारा उत्सर्जित होती हैं । वैश्विक तापन में इसका योगदान लगभग 14% हैं। इन गैसों में अन्य ग्रीनहाउस गैसों की तुलना में अधिक वैश्विक तापन क्षमता होती हैं। फ्लूरिनेटेड गैसें मुख्यतः 3 प्रकार की होती हैं -

  • परफ्लोरोकार्बन - HFCs
  • हाइड्रोफ्लोरोकार्बन - PFCs
  • सल्फर हेक्साफ्लोराइड - SF₆

6. काला कार्बन - Black Carbon 

काला कार्बन एक गैस न होकर एरोसॉल होता है, जिसे सामान्य रूप में 'कालिख' कहा जाता है जो कि पर्टिकुलेट मैटर का एक अवयव होता है एवं जीवाश्म ईंधन, जैव ईंधन एवं बायोमास के अपूर्ण दहन द्वारा उत्पन्न होता है।

Black Carbon In Hindi
बर्फ पर Black Carbon का जमाव

यह प्रकाश का अवशोषण करने वाला सबसे प्रबल पदार्थ है जो वैश्विक तापन में सहयोग देता है। यह हवा को सीधे गर्म करने की क्षमता रखता है। साथ ही बर्फ पर जमाव द्वारा पृथ्वी के एल्बिडो में कमी लाता है जिससे पृथ्वी और अधिक गर्म होती है। यह बर्फ पर जमा होकर उन्हें काला करता हैं और उनके पिघलने का कारण बनता हैं। 




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