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झूम कृषि क्या है? कहां की जाती हैं? और इसके नुकसान | Jhum Kheti

Jhum Kheti/Slash and Burn Farming in Hindi प्रारंभिक जीवन निर्वाह कृषि का एक उदाहरण है। यह कृषि उष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों में की जाती हैं। इस लेख में Jhoom Farming/Jhum Kheti के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी है। 

Jhum Kheti, slash and burn agriculture in hindi

Jhum Kheti क्या है? - Slash and Burn Farming in Hindi 

Jhum Kheti/स्थानांतरित कृषि में जमीन के एक टुकड़े से वृक्षों को काटकर एवं जलाकर भूखंड को साफ किया जाता है तथा राख को मृदा में मिलाकर उस भूखंड पर कृषि की जाती है। कुछ समय बाद (3-4 वर्ष) जब मृदा की उर्वरता कम हो जाती है तो किसान उस भूमि के टुकड़े से स्थानांतरित हो जाते हैं और कृषि के लिए भूमि का दूसरा टुकड़ा साफ करते हैं। 

कृषि का यह प्रकार जीवन निर्वाह कृषि का एक उदाहरण है। इसमें किसान भूमि के छोटे टुकड़ों पर पुराने कृषि औजारों जैसे की लकड़ी के हल, कुदाली एवं फावड़े आदि की मदद से कृषि करते है। इस प्रकार की कृषि में कृषि उत्पादकता कम होती हैं।  

विश्व की प्रमुख जनजातियां

Jhum Kheti कहाँ की जाती है? - Shifting Cultivation in Hindi 

वैश्विक स्तर पर स्थानांतरित कृषि अमेजन बेसिन के सघन वन क्षेत्रों, उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों, अफ्रीका, दक्षिण-पूर्व एशिया और उत्तर-पूर्वी भारत के भागों में अधिक प्रचलित है। 


झूम कृषि के विभिन्न नाम 

झूम कृषि को अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग नाम से जाना जाता है जैसे कि - 

नाम देश
रोका ब्राजील
मिल्पा मैक्सिको और मध्य अमेरिका
कोनुको वेनेजुएला
रे वियतनाम
मसोले कांगो और मध्य अमेरिका
लदांग इंडोनेशिया एवं मलेशिया
तुंग्या म्याँमार
चेना श्रीलंका
कैंगीन फिलीपींस


भारत में झूम कृषि से सम्बंधित राज्य 


नाम राज्य
झूम उत्तर-पूर्वी राज्यों (असम, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड)
दीपा छत्तीसगढ़, अंडमान-निकोबार
पोंडु/पेंडा आंध्र प्रदेश
बेवर या डहिया मध्य प्रदेश
कुमारी पश्चिमी घाट
कोमान/वाल्टरे दक्षिण-पूर्वी राजस्थान
खिल हिमालयन क्षेत्र
पामलू मणिपुर
कुरुवा झारखंड
दीपा छत्तीसगढ़, अंडमान-निकोबार

स्थानांतरित कृषि के नुकसान 

  • वनों की कटाई के कारण जैव-विविधता को क्षति 
  • वन्य जीवों के आवास नष्ट 
  • मिट्टी की उर्वरता में कमी 
  • मृदा अपरदन में वृद्धि 
  • जंगलों में आग लगने का खतरा 
  • पेड़ों को जलाने पर वायु प्रदुषण 

FAQs

झूम खेती की मुख्य फसल क्या है?
चावल 

झूम खेती का दूसरा नाम क्या है?
झूम खेती को स्थानांतरित कृषि, मिल्पा, लदांग आदि कई अन्य नामों से जाना जाता हैं। 

भारत में सबसे ज्यादा झूम की खेती किस राज्य में होती है?
झूम कृषि भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में अधिक प्रचलित है, जिसमें असम, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड आदि राज्य शामिल हैं।

झूम की खेती कौन सी जनजाति करती है?
भारत की नागा जनजाति, बैगा जनजाति आदि झूम कृषि करती हैं। 


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