इस लेख में हमने सुपोषण क्या है?( Eutrophication in Hindi), इसके प्रकार, इसके जलीय पारिस्थितिक तंत्र पर प्रभाव और शैवाल प्रस्फुटन (Algal Bloom in Hindi) के बारे में बताया है जो UPSC, SSC, State Services, NDA, CDS और Railways जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए बहुत ही उपयोगी है।
सुपोषण क्या है? - Eutrophication in Hindi
घर से निकलने वाले वाहित मल, कृषि अपशिष्टों तथा औद्योगिक अवशिष्टों में नाइट्रोजन और फॉस्फेट की मात्रा काफी अधिक होती है। जलीय तंत्रों में जब घरेलू, कृषि और औद्योगिक क्षेत्रों से नाइट्रोजन और फॉस्फेट युक्त अवशिष्ट का प्रवाह बड़ी मात्रा में होता है तब यह स्थिति "सुपोषण" ( Eutrophication) कहलाती है।
सुपोषण (Eutrophication) शब्द ग्रीक भाषा के एक शब्द 'यूट्रोफॉस' से बना है, जिसका अर्थ है 'पोषण या समृद्ध'।
शैवाल प्रस्फुटन क्या है? - Algal Bloom in Hindi
नाइट्रोजन तथा फॉस्फेट शैवाल और डायटम के लिए पोषक पदार्थ होते हैं अतः जब घरेलू, कृषि, औद्योगिक अवशिष्ट जलीय तंत्रों में पहुंचता हैं तो शैवालों और डायटमों को अधिक पोषक पदार्थ प्राप्त हो जाते हैं जिस कारण इनकी जनसंख्या में अति तीव्र वृद्धि होती है और जलीय क्षेत्र शैवालों से भर जाता है इसे ही "शैवाल प्रस्फुटन" (Algal Bloom) कहा जाता है।
जल में पोषक पदार्थों की अधिकता होने से जलकुंभी, डकवीड, फाइटोप्लैंक्टन और दूसरी जलीय वनस्पतियों तथा सूक्ष्म जलीय जीवों की वृद्धि होती है, जिसके कारण जल में घुली हुई ऑक्सीजन (Biological Demand For Oxygen - BOD) की मांग बढ़ जाती है।
मृत क्षेत्र क्या है? - Dead Zone in Hindi
जलीय तंत्र में शैवालों की तीव्र वृद्धि अर्थात शैवाल प्रस्फुटन के कारण सूर्य का प्रकाश जलीय पौधों तक नहीं पहुंच पाता है और उनकी मृत्यु होने लगती है। इन मरे, सड़े-गले पौधों और अजैविक पदार्थों के अपघटन के लिए सूक्ष्मजीवों द्वारा जल में घुली हुई ऑक्सीजन (Dissolved Oxygen) का उपयोग किया जाता है, जिस कारण जल में घुली हुई ऑक्सीजन की मात्रा में कमी हो जाती है, स्थिति को Hypoxia कहा जाता है और इस कारण अन्य जलीय जीव भी ऑक्सीजन की कमी के कारण मरने लगते हैं और वह क्षेत्र जीव रहित हो जाता है, ऐसा क्षेत्र 'मृत क्षेत्र' (Dead Zone) कहलाता है।
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सुपोषण के प्रकार - Types Of Eutrophication in Hindi
प्राकृतिक सुपोषण (Natural Eutrophication)
जब सुपोषण प्राकृतिक रूप से अर्थात बिना मानवीय हस्तक्षेप के होता है तो उसे 'प्राकृतिक सुपोषण' कहते है। यह प्रक्रिया धीमी गति से होती है।
मानव निर्मित सुपोषण (Man made Eutrophication)
जब मानवीय गतिविधियों के कारण सुपोषण होता है या सुपोषण की गति में वृद्धि हो जाती है तो उसे 'मानव निर्मित सुपोषण' कहा जाता है। सुपोषण की यह क्रिया तीव्र गति से होती है।
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सुपोषण के स्रोत - Eutrophication Sources in Hindi
बिंदु स्रोत (Point Source)
अबिंदु/गैर-बिंदु स्रोत (Non-point Source)
हानिकारक शैवाल प्रस्फुटन क्या है? - What is Harmful Algal Bloom in Hindi
जब शैवाल प्रस्फुटन पारितंत्र पर नकारात्मक प्रभाव डालता है तो इसे हानिकारक शैवाल प्रस्फुटन (Harmful Algal Bloom) कहा जाता है। हानिकारक शैवाल प्रस्फुटन वातावरण को विषाक्त कर देता है और दूसरे समुदायों को भी हानि पहुंचाता है। इसके लिए मुख्य रूप से सायनोबैक्टीरिया उत्तरदायी होता है।
सुपोषण के मुख्य कारण - Eutrophication Causes in Hindi
- सुपोषण और शैवाल प्रस्फुटन का सबसे प्रमुख कारण जल प्रदुषण हैं।
- घरेलू और औद्योगिक अवशिष्टों को जलीय स्रोतों में प्रवाहित करना
- कृषि में उर्वरकों का अत्यधिक उपयोग
- पशुओं का अवशिष्ट
- खनन उद्योग
- गैर-निपटान औद्योगिक
सुपोषण के प्रभाव - Effects Of Eutrophication in Hindi
- जल में शैवालों की अत्यधिक वृद्धि के कारण जल उपयोग लायक नहीं रह पाता
- जल की Amenity वैल्यू में कमी
- जल में ऑक्सीजन की अपर्याप्तता हो जाती है
- जलीय पारिस्थितिक तंत्र पर प्रभाव
- प्रजाति विविधता में कमी
- पर्यटन को हानि
सुपोषण को नियंत्रित करने के उपाय - Control Of Eutrophication in Hindi
- जल स्रोतों में पोषक पदार्थों और अवशिष्ट पदार्थों के प्रवेश पर रोक
- जल स्रोतों की तली पर जमी तलछट को समय-समय पर निकाला जाना
- शैवाल फिल्ट्रेशन
- जल स्रोतों से समय-समय पर जैवभार एकत्रित कर उन्हें हटाया जाना
- अल्ट्रासोनिक रेडिएशन
- कृत्रिम ऑक्सीजन द्वारा तलीय ऑक्सीजन की मात्रा को बढ़ाना
- मत्स्य पालन और प्रबंध बढ़ावा देना