दोस्तों, आज के इस आर्टिकल में हम बात करने वाले हैं चट्टानों (Rocks In Hindi) के बारे में। आज के इस आर्टिकल में हम चट्टानों से सम्बंधित सभी प्रश्नों जैसे की - चट्टानें क्या होती हैं?, इनका निर्माण कैसे होता हैं?, इसके प्रकार, विशेषता और शैल चक्र (Rock Cycle In Hindi) आदि के जबाव देंगे।
- चट्टान किसे कहते हैं? Rocks In Hindi
- भू-पृष्ठ पर पाए जाने वाले तत्वों का वितरण
- खनिज क्या हैं? What Is Mineral In Hindi
- चट्टानों की उत्पत्ति कैसे हुई? How Were Rocks Formed In Hindi
- चट्टानों के प्रकार - Type Of Rocks In Hindi
- 1. आग्नेय चट्टान - Igneous Rocks In Hindi
- 2. अवसादी चट्टानें - Sedimentary Rocks In Hindi
- 3. कायांतरित/रूपांतरित चट्टानें - Metamorphic rocks In Hindi
- शैल चक्र क्या हैं? - What Is Rock Cycle In Hindi
चट्टान किसे कहते हैं? Rocks In Hindi
भू-पृष्ठ पर पर पाए जाने वाले वे सभी प्राकृतिक पदार्थ जो धातुएं नहीं हैं, चट्टानें (Rock) कहलाती हैं। चट्टानें, धूल के जैसी मुलायम व ग्रेनाइट के जैसे कठोर हो सकती हैं।
आसान शब्दों में कहें तो चट्टानें, खनिजों के संयोग से निर्मित होती हैं और प्रत्येक चट्टान में एक से अधिक खनिजों का सम्मिश्रण रहता हैं।
भू-पृष्ठ पर पाए जाने वाले तत्वों का वितरण
- ऑक्सीजन - 46.60 %
- सिलिकन - 27.72 %
- एल्युमिनियम - 8.13 %
- लोहा - 5.0 %
- कैल्शियम - 3.63 %
- सोडियम - 2.83 %
- पोटैशियम - 2.59 %
- मैग्नीशियम - 2.09 %
- अन्य - 1.41 %
खनिज क्या हैं? What Is Mineral In Hindi
भू-पृष्ठ पर तत्व प्रायः अलग-अलग नहीं मिलते हैं, ये एक-दूसरे के साथ मिलकर नए पदार्थ का निर्माण करते हैं, इन पदार्थों को "खनिज (Mineral)" कहा जाता हैं और चट्टानें, खनिजों के संयोग से ही निर्मित होती हैं।
इस प्रकार खनिज ऐसा कार्बनिक व अकार्बनिक पदार्थ हैं जिसकी निश्चित संरचना तथा रासायनिक गुण होते है। भू-पृष्ठ पर अब तक 2 हजार प्रकार के खनिज ढूँढे गए हैं लेकिन इनमें से 6 खनिज सर्वाधिक महत्वपूर्ण हैं तथा इन्हें "चट्टान निर्माता खनिज" कहते हैं।
- फेलस्फर (Felspar)
- क्वार्ट्ज या सिलिका (Quartz)
- पाइराक्सिन (Pyroxenes)
- एम्फीबोल (Amphiboles)
- माइका (Mica)
- ऑलीबीन (Olivine)
चट्टानों की उत्पत्ति कैसे हुई? How Were Rocks Formed In Hindi
पृथ्वी के निर्माण के समय पृथ्वी एक तप्त तरल पिंड थी। धीरे-धीरे पृथ्वी का ऊपरी भाग ठंडा होता गया और ठोस हो गया। इसी क्रम में वे पदार्थ जो पहले तरल अवस्था में थे अब वे ठोस हो गए और इस तरह "आग्नेय चट्टानों" का निर्माण हुआ।
समय के साथ आग्नेय चट्टानों का भी अपरदन हुआ और इस अपरदित पदार्थ से "अवसादी चट्टानों" का निर्माण हुआ।
ताप व दाब के परिवर्तन के कारण अवसादी चट्टानों का रूप बदल गया और इस प्रकार रूपांतरित या कायांतरित चट्टानों का निर्माण हुआ।
चट्टानों के प्रकार - Type Of Rocks In Hindi
- आग्नेय चट्टान (Igneous Rock)
- अवसादी चट्टान (Sedimentary Rock)
- रूपांतरित/कायांतरित चट्टान (Metamorphic Rock)
1. आग्नेय चट्टान - Igneous Rock In Hindi
- आग्नेय चट्टान का निर्माण तप्त मैग्मा या लावा के ठंडे होने से होता है।
- यह पृथ्वी पर निर्मित प्रथम चट्टानें हैं इस कारण इन्हें "प्राथमिक चट्टानें" भी कहा जाता हैं।
- इन चट्टानों में जीवाश्म का अभाव होता है।
- इन चट्टानों में परतें नहीं होती हैं। इनमें रवे (Crystal) तथा संधियाँ आदि पायी जाती हैं।
- ये चट्टानें विभिन्न प्रकार के धात्विक खनिजों से संपन्न होती है।
आग्नेय चट्टानों के प्रकार - Types Of Igneous Rocks In Hindi
A. निर्माण स्थान के आधार पर
a. अंतर्भेदी/अन्तर्जात आग्नेय चट्टानें - Intrusive Igneous Rocks
जब मैग्मा भू-गर्भ में ही ठंडा होकर चट्टानों का निर्माण करता है, तब ऐसी चट्टानें "अंतर्बेधी आग्नेय चट्टानें" कहलाती हैं।
उदाहरण - ग्रेनाइट, ग्रैबो, पेरिडोटाइट आदि।
अंतर्भेदी आग्नेय चट्टानों को 2 भागों में विभाजित किया जाता हैं -
(i) जब मैग्मा अत्यधिक गहराई में ठंडा होकर चट्टान का निर्माण करता हैं, तब ऐसी आग्नेय चट्टान को "पातालीय चट्टानें (plutonic rocks)" कहते हैं।
इन चट्टानों का नामकरण 'प्लूटो' के नाम पर किया गया है, जिसका तात्पर्य होता हैं 'पाताल देवता'।
उदाहरण - ग्रेनाइट, मोनोजोनाइट, क्वार्ट्ज़ डाइराइट आदि।
(ii) जब ज्वालामुखी उद्गार के समय गर्म एवं तरल मैग्मा ऊपर उठता हैं, परन्तु धरातलीय अवरोध के कारण दरारों, छिद्रों एवं नली में ही जमकर ठोस रूप धारण कर लेता हैं तो इस प्रकार की चट्टानों को "मध्यवर्ती आग्नेय चट्टानें (Hypabyssal Igneous Rocks)" कहते हैं।
उदाहरण - बैथोलिथ, सिल, डाइक, लोपोलिथ, फैकोलिथ आदि। (इन चट्टानों के बारे में और अधिक जानने के लिए आप इस आर्टिकल को पढ़ सकते हैं - ज्वालामुखी भू-आकृतियाँ
b. बहिर्भेदी/बाह्य आग्नेय चट्टानें - Extrusive Igneous Rocks
जब तरल और तप्त लावा भू-पृष्ठ पर आकर जमकर ठोस होकर चट्टान का रूप धारण करता है, तो इस प्रकार निर्मित चट्टान को बहिर्भेदी/बाह्य आग्नेय चट्टान कहते है।
उदाहरण - बेसाल्ट, रायोलाइट, एण्डेसाइट आदि।
B. SiO₂ (सिलिकन डाईऑक्साइड) की मात्रा के आधार पर
(i) अम्लीय चट्टानें
- वे चट्टानों जिनमें SiO₂ की मात्रा 63% होती हैं अम्लीय चट्टानें कहलाती हैं।
- अम्लीय चट्टानों को "Felsic चट्टानें" भी कहा जाता हैं।
- उदाहरण - रायोलाइट, ग्रेनाइट
- वे चट्टानें जिनमें SiO₂ की मात्रा 45% - 52% होती हैं, क्षारीय चट्टानें कहलाती हैं।
- इन चट्टानों को "Mafic चट्टानें" भी कहा जाता हैं।
- उदाहरण - बेसाल्ट, गैब्रो
C. रवों/क्रिस्टल के आकार के आधार पर
क्रिस्टल के आकार के आधार पर चट्टानें 2 प्रकार की होती हैं -
(i) बड़े क्रिस्टल वाली चट्टानें
(ii) छोटे क्रिस्टल वाली चट्टानें
मैग्मा या लावा ठंडा होने में जितना अधिक समय लगाता हैं तो उसके क्रिस्टल का आकार उतना ही बड़ा होता हैं अर्थात क्रिस्टल का आकार, शीतलन दर के व्युत्क्रमानुपाती होता हैं -
क्रिस्टल का आकार ∝ 1/शीतलन दर
बहिर्भेदी चट्टानों के क्रिस्टल सबसे छोटे होते हैं, क्योंकि जब लावा बाहरी तापमान के संपर्क में आता हैं तो वह जल्दी ठंडा हो जाता हैं जबकि पातालीय चट्टानों के क्रिस्टल सबसे बड़े होते हैं क्योंकि भूगर्भ में पहले से ही तापमान उच्च होता हैं इस कारण मैग्मा को ठंडा होने में अधिक समय लगता हैं।
2. अवसादी चट्टानें - Sedimentary Rocks In Hindi
प्रकृति में चट्टानें विभिन्न मौसमी दशाओं से गुजरती हैं तथा अपक्षय या ऋतुक्षरण के अधीन ये टुकड़ों में टूटती हैं तथा चूर्ण में परिवर्तित हो जाती है, इस शैल चूर्ण को "अवसाद" कहते हैं। ये अवसाद बहते जल तथा पवन आदि के द्वारा परिवहित और निक्षेपित किये जाते हैं। परतों में निक्षेपित शैलचूर्ण 'सघनीकरण (Compaction)' के कारण कठोर चट्टान में बदल जाते हैं, इन्हें ही "अवसादी चट्टान" कहा जाता हैं। अवसादों के चट्टान में बदलने की क्रिया "शिलीभवन" कहलाती हैं।
अवसादी चट्टानों के प्रकार - Types Of Sedimentary Rocks In Hindi
A. यांत्रिक अवसादी चट्टानें
अपक्षय की यांत्रिक क्रिया के फलस्वरूप चट्टानें छोटे-बड़े टुकड़ों में टूटती हैं और अपरदन के विभिन्न कारकों जैसे की पवन, जल, हिमनद आदि द्वारा इन टुकड़ों का परिवहन किया जाता हैं। जब इन पदार्थों का जमाव नदी, झील अथवा सागर में होता हैं, तो इन पदार्थों की एक के बाद एक परत बनती जाती हैं और चट्टान का निर्माण होता हैं, इन चट्टानों को ही 'यांत्रिक अवसादी चट्टानें' कहा जाता हैं।
B. रासायनिक अवसादी चट्टानें
बहते हुए जल में घुलनशील रासायनिक पदार्थ मिल जाने और इस रसायन युक्त जल के चट्टानों के संपर्क में आने से इस जल में चट्टानों का चूर्ण (छोटे-बड़े चट्टानी टुकड़े) मिल जाता हैं तथा बाद में जब जल, वाष्प बन जाता हैं तो या जल के प्रवाह में कमी आती है तो तो ये घुले हुए पदार्थ नीचे बैठ जाते हैं, इससे परतदार 'रासायनिक अवसादी चट्टानों' का निर्माण होता हैं।
C. जैविक अवसादी चट्टानें
जैविक अवसादी चट्टानों या कार्बन प्रधान शैलों का निर्माण वनस्पतियों अवशेषों के जमा होने तथा संगठित होने से होता हैं।
उदाहरण - कोयला, चूना पत्थर, पीट आदि।
अवसादी चट्टानों की विशेषताएँ -
- अवसादी चट्टानें भू-पृष्ठ के 75 % भाग पर विस्तृत हैं।
- इन चट्टानों में क्रिस्टल का अभाव होता हैं।
- ये चट्टानें परतों में पाई जाती हैं।
- इनमें जीवाश्म पाए जाते हैं।
- इनके निर्माण की सर्वाधिक उपयुक्त परिस्थितियाँ जलीय तंत्र की तली में पाई जाती हैं, अतः इन्हें "तलछटी चट्टानें (Stratified rocks)" भी कहा जाता हैं।
- इन्हीं चट्टानों से कोयला और पेट्रोलियम प्राप्त होता हैं।
3. कायांतरित/रूपांतरित चट्टानें - Metamorphic rocks In Hindi
जब कोई भी चट्टान ताप एवं दाब की विशिष्ट परिस्थितियों से गुजरती हैं, तब उसके मौलिक गुणों में आंशिक या पूर्णतः परिवर्तन हो जाता हैं, इस प्रक्रिया में प्राप्त चट्टान "रूपांतरित चट्टान" कहलाती हैं।
कभी-कभी रूपांतरित चट्टान पर खनिजों के कण पतली रेखाओं के रूप में प्रदर्शित होते हैं, इसे "पत्रण या रेखांकन" कहते है।
जब खनिज चौड़ी पट्टी के रूप में दिखाई पड़ते हैं तब इस व्यवस्था को बैंड तथा चट्टान को "बैंडेड-चट्टान" कहा जाता है।
प्लेट विवर्तनिक सिद्धांत क्या हैं?
कायांतरित/रूपांतरित चट्टानों के प्रकार - Types Of Metamorphic rocks In Hindi
A. दबाव के अधीन रूपांतरण
जब चट्टानों पर अधिक दबाव लगता है तो उनका रूप परिवर्तित हो जाता हैं। इसमें उनकी रासायनिक संरचना में बदलाव नहीं होता हैं।
- ग्रेनाइट → नीस
- मिट्टी व शेल → शिस्ट
B. तापमान के अधीन रूपांतरण
चट्टानों में तापमान के कारण भी रूपांतरण हो जाता हैं। इसे "स्पर्शी रूपांतरण" भी कहा जाता हैं क्योंकि यह रूपांतरण चट्टान विशेष और मैग्मा के संपर्क में आने से होता हैं।
C. क्षेत्रीय रूपांतरण
जब ताप और दाब के अधीन एक बड़े क्षेत्र की चट्टानें रूपांतरित हो जाती हैं, तब इसे "क्षेत्रीय रूपांतरण" कहते हैं।
प्रमुख रूपांतरित चट्टानें/शैल तथा उनका मौलिक रूप -
पुनः रूपांतरित चट्टान क्या हैं?
- शेल चट्टान → स्लेट → फायलाइट
- बिटुमिनस → एन्थ्रेसाइट → ग्रेफाइट
शैल चक्र क्या हैं? - What Is Rock Cycle In Hindi
प्रकृति में चट्टानें अत्यधिक लम्बे समय तक अपने प्राकृतिक रूप में नहीं रह सकती हैं। आग्नेय चट्टान, अवसादी चट्टान व रूपांतरित चट्टान एक-दूसरे में परिवर्तित होती रहती हैं। इस प्रकार प्रकृति में चट्टानों में प्राप्त चक्र, शैल चक्र (Rock Cycle) कहलाता हैं।
FAQs
निष्कर्ष
दोस्तों, इस आर्टिकल में हमने चट्टान क्या हैं? (Rocks In Hindi) के बारे में जाना। हमने चट्टानों के प्रकार, विशेषताएँ और शैल चक्र को चित्रों के माध्यम से विस्तार से जाना हैं। मैं आशा करता हूँ आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और आपने इससे कुछ नया सीखा होगा। इसे आप अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें। धन्यवाद
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