आज के इस लेख में हम Yunan Ki Sabhyata का इतिहास जानेंगे, हम जानेंगे की इस सभ्यता के लोगों का आरंभिक जीवन कैसा था और किस प्रकार छोटे-छोटे गांव, नगर/राज्य में परिवर्तित हुए और ऐसी कौन-सी परिस्थितियाँ थी जिनके कारण इस सभ्यता का पतन हुआ।
यूनान/ग्रीक/ एथेंस की सभ्यता (Greece Civilization) को यूरोप की पहली ज्ञात सभ्यता माना जाता हैं। यूनान की सभ्यता का विकास मेसोपोटामिया की सभ्यता (Mesopotamian Civilization), मिश्र की सभ्यता (Ancient Egypt Civilization), सिन्धु सभ्यता (Indus Valley Civilization), चीन की सभ्यता (Ancient China Civilization) और यहां तक की लैटिन अमेरिका की माया सभ्यता (Maya Civilization) के काफी बाद हुआ था।
विषय-सूची:
- प्राचीन यूनान के निवासी - Ancient Greece In Hindi
- यूनानी राज्यों का उदय - Rise Of Greece States In Hindi
- यूनान के प्रमुख राज्य - Major States Of Greece In Hindi
- सिकंदर का उदय - Rise Of Sikandar/Alexander
- सिकंदर के बाद - After Alexander
- यूनानी सभ्यता की विश्व को देन - Greek Civilization's Contribution To The World In Hindi
- FAQs
प्राचीन यूनान के निवासी - Ancient Greece In Hindi
प्राचीन यूनान के निवासी कबीलों में रहते थे और एक कबीले में कई परिवार होते थे। प्रत्येक कबीले का एक नेता होता था। प्राचीन यूनानियों का मुख्य व्यवसाय कृषि, पशुपालन, मिट्टी के बर्तन और तलवार बनाना थे।
वहीं बात करे प्राचीन यूनानियों के धर्म की तो, प्राचीन यूनानी बहुदेववादी थे। यूनानी लोगों ने अपने देवताओं की कल्पना मनुष्य के रूप में की। उनके कई देवता थे जैसे की -
- अपोलो - सूर्य देवता
- ओसीदन - समुन्द्र देवता
- जियस - आकाश देवता
- एथीना - कला की देवी
यूनानी राज्यों का उदय - Rise Of Greece States In Hindi
लगभग 800 ई.पू. के आस-पास यूनान के कई गाँवों ने मिलकर नगरों का रूप ले लिया। यूनान में कई नगर स्थापित हुए जैसे की - स्पार्टा, एथेंस, मकदूनिया, थीब्स आदि। आरम्भ में इन राज्यों में राजा राज्य करते थे परन्तु बाद में जमींदारों ने राजतंत्र को समाप्त कर दिया तथा कालान्तर में मध्यवर्ग और टायरेंट जैसी कई सत्ताएँ स्थापित हुई और आखिर में यूनान के अधिकांश राज्यों में धनी वर्ग का शासन स्थापित हो गया।
यूनान के प्रमुख राज्य - Major States Of Greece In Hindi
स्पार्टा - Sparta
स्पार्टा एक काफी शक्तिशाली राज्य था। यहाँ के लोग सैन्यवाद और युद्धों में अधिक रूचि रखते थे। स्पार्टा में बहुत सारे निवासी दास थे तथा ये दास ही सारे घरेलू व उत्पादन कार्य करते थे। जिससे स्पार्टा के लोग उत्पादन कार्यों की चिंता से मुक्त हो गए और अपना सारा समय युद्ध व शासन में लगाया।
स्पार्टा के राजा का मुख्य कार्य सेना का नेतृत्व करना होता था तथा कुलीन लोगों की एक परिषद और एक सभा शासन कार्यों का निरीक्षण करती थी।
एथेंस - Athens
एथेंस ने शांतिपूर्ण तरीकों से अन्य प्रदेशों पर अधिकार किया जिससे वहां सैन्यवाद का विकास नहीं हुआ था। साथ ही एथेंस के पास विकसित बंदरगाह, खनिजों के भंडार और विकसित व्यापार भी था, जिससे वहाँ नागरिक सभ्यता का विकास हुआ। एथेंस में धनिक वर्ग का शासन था और यह का समाज 3 वर्गों में विभाजित था -
- कुलीन वर्ग
- दास वर्ग
- डेमोस (स्वतंत्र नागरिक)
आगे चलकर एथेंस में लोकतंत्र की स्थापना हुई जो "पेरिक्लीज" के नेतृत्व में उन्नति के शिखर पर पहुंच गई थी।
लगभग 5वीं सदी ईसा पूर्व में एथेंस को 2 युद्धों का सामना करना पड़ा, पहला युद्ध ईरानी शासक "दारा" के विरुद्ध तथा दूसरा युद्ध एथेंस व स्पार्टा के मध्य लगभग 431 ई.पू. से 404 ई.पू. तक चला, इन युद्धों को "पेलोपोनिशियन" कहा जाता हैं। इन युद्धों के कारण एथेंस का पतन हो गया और स्पार्टा राज्य की शक्ति बहुत कमजोर हो गई।
सिकंदर का उदय - Rise Of Sikandar/Alexander
पेलोपोनिशियन युद्ध (Peloponnesian War) के बाद एथेंस का पतन हो गया और स्पार्टा की शक्ति बहुत कम हो गई, जिसका फायदा उठाकर मकदूनिया (Macedonia) के शासक "फिलिप" ने यूनान के अधिकांश राज्यों पर अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया। आगे इसका उत्तराधिकारी "सिकंदर (Alexander)" हुआ।
सिकंदर एक अत्यंत महत्वाकांक्षी शासक था। 20 वर्ष की उम्र में वह अपनी विशाल सेना को लेकर विश्व विजय की यात्रा पर निकल पड़ा। सबसे पहले सिकंदर ने सम्पूर्ण यूनान पर अपना नियंत्रण स्थापित किया और फिर आगे बढ़कर उसने उस समय के शक्तिशाली ईरानी साम्राज्य पर भी अपना अधिकार स्थापित कर लिया। लगभग सम्पूर्ण मध्य एशिया को जीतने के बाद वह भारत की उत्तर-पश्चिम सीमा पर पहुँच गया, जहाँ 326 ई.पू. में उसका सामना पंजाब के "राजा परमानंद/ पोरस" से हुआ।
पोरस को हराने के बाद सिकंदर आगे बढ़ा किन्तु उसकी सेना ने व्यास नदी से आगे बढ़ने से इनकार कर दिया, जिस कारण उसका विश्व विजय का अभियान यही समाप्त हो गया। उस काल में व्यास नदी के पूर्व में विशाल और शक्तिशाली मगध साम्राज्य फैला हुआ था, जिस पर ''नन्द वंश'' का शासन था। इस अभियान से लौटते वक्त 323 ई.पू. में बेबिलोनिया में सिकंदर की मृत्यु हो गई।
सिकंदर को कई नामों से जाना जाता हैं, जैसे की - सिकंदर महान, एलेग्जेंडर मेसेडोनियन, एलेग्जेंडर III, एलेग्जेंडर महान (Alexander The Great) आदि।
सिकंदर के बाद - After Alexander
सिकंदर की मृत्यु के बाद उसके सेनापतियों ने उसके साम्राज्य को आपस में बाँट लिया। सिकंदर के एक सेनापति "सेल्यूकस निकेटर (Seleucus Nicator)" को ईरान, इराक और सीरिया प्राप्त हुए, सेल्यूकस ने आगे चलकर भारत पर आक्रमण किया था, उस समय भारत पर शक्तिशाली मौर्य वंश के शासक "चन्द्रगुप्त मौर्य" का शासन था।
सिकंदर के एक अन्य सेनापति "टाल्मी" को मिश्र, फिलिस्तीन व फिनीशिया के क्षेत्र प्राप्त हुए। टाल्मी ने सिकंदर द्वारा बसाए गए "सिकंदरिया" नगर में कला, शिक्षा और साहित्य की देवी के एक मंदिर का निर्माण करवाया। इस मंदिर में एक वेधशाला (Observatory) और एक पुस्तकालय (Library) भी था, यहीं पर आर्कमिडीज, यूक्लिड, एरिस्टोथीनीज आदि विद्वानों ने अपने महत्वपूर्ण सिद्धांत दिए थे।
आगे चलकर जब रोमन साम्राज्य शक्तिशाली हो गया तो उसने यूनान पर अधिकार कर लिया।
यूनानी सभ्यता की विश्व को देन - Greek Civilization's Contribution To The World In Hindi
- ओंलम्पिक खेल, जो आज भी विश्व स्तर पर आयोजित होता हैं, यूनानी सभ्यता की ही देन हैं। यह 'जियस' देवता के सम्मान में मनाया जाता हैं।
- "होमर" नामक कवि द्वारा लिखे दो महाकाव्य इलियड और ओडिसी से हमें प्राचीन यूनानियों के जीवन के बारे में बहुत-सी जानकारी प्राप्त होती हैं। इन महाकाव्यों की गणना संसार के श्रेष्ठ महाकाव्यों में की जाती हैं।
- कविता लेखन की 'लिरिक' शैली भी यूनानी सभ्यता की देन हैं।
- यूनान में अरस्तु, सुकरात, प्लेटो आदि दार्शनिक हुए जिनके दर्शन आज भी प्रसिद्ध हैं।
- विज्ञान के क्षेत्र में भी यूनानियों का बहुत योगदान हैं। हिपोक्रेटीज ने आधुनिक चिकित्सा शास्त्र की नींव रखी, जिस कारण हिपोक्रेटीज को "यूनानी चिकित्सा शास्त्र का जनक" माना जाता हैं।
- कला के क्षेत्र में यूनानी लोगों ने विश्व को मूर्तिकला की "यूनानी शैली" दी। यूनानियों ने 'मानव सौंदर्य' पर अधिक बल दिया अर्थात यूनानी मूर्तिकला में व्यक्ति या देवताओं को हष्ट-पुष्ट शरीर के साथ दर्शाया जाता था। यूनानी मूर्तिकला का प्रभाव, भारतीय मूर्तिकला की "गांधार शैली" पर भी देखा जा सकता हैं।
FAQs
- रोमन साम्राज्य का इतिहास
- यूरोपीय पुनर्जागरण क्या था?
- प्रबोधन क्या था? तथा प्रबोधनकालीन महत्वपूर्ण चिंतक
- धर्मसुधार और प्रतिधर्मसुधार आंदोलन क्या थे?
- सामंतवाद, पवित्र रोमन साम्राज्य और सर्वव्यापी चर्च व्यवस्था क्या थी?
- यूरोप की औद्योगिक क्रांति का इतिहास
भारतीय इतिहास के महत्वपूर्ण लेख:
- विदेशी कंपनियों का भारत आगमन
- उपनिवेशवाद क्या होता है? तथा उपनिवेशवाद के चरण
- उपनिवेशवाद का पहला चरण: वाणिज्यिक चरण (1757-1813) क्या था?
- वाणिज्यिक चरण के दौरान भारत में हुए प्रशासनिक सुधार
- उपनिवेशवाद का दूसरा चरण [औधोगिक चरण (1813-1858)] क्या था?
- उपनिवेशवाद का तीसरा चरण [वित्तीय चरण (1858 के पश्चात)] क्या था?
- कर्नाटक युद्ध क्या थे और इनके कारण व परिणाम
- 18वीं सदी के भारत का इतिहास